पति पत्नी और वो : मीरा के मैनेजर ने सभी लोगों को क्यों बुलाया


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मीरा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती थी। वहां उसका बॉस अजय एक सीनियर मैनेजर था। अजय अपनी काम कुशलता और व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था। कंपनी में उसके प्रति लड़कियों का क्रश रहता था।

एक दिन कंपनी ने एक बड़ा प्रोजेक्ट हासिल किया और उसे संभालने के लिए अजय और मीरा को विदेश भेजा गया। विदेश में रहते हुए अजय ने मीरा को कई बार डिनर पर आमंत्रित किया और उसके साथ नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की।

एक रात डिनर के दौरान अजय ने मीरा से कहा, “मुझे घर के लिए बैंक से लोन लेना है। मैं चाहता हूं कि तुम मेरे लिए क्रेडिट कार्ड पर गारंटर बनो।”

मीरा को यह सुनकर बहुत बुरा लगा। वह जानती थी कि अजय शादीशुदा है और उसका एक बेटा भी है। मीरा ने साफ मना कर दिया कि वह ऐसा नहीं कर सकती।

इसके बाद अजय ने कई बार मीरा को मनाने की कोशिश की, लेकिन मीरा ने हमेशा उसकी बातों को ठुकरा दिया। एक बार तो अजय ने मीरा को धमकी भी दी कि अगर उसने मना किया तो वह उसकी नौकरी छीन लेगा।

लेकिन मीरा डरी नहीं। उसने अपने आपको संभाला और हर बार नैतिक व सही फैसला लिया। जल्द ही प्रोजेक्ट पूरा हो गया और दोनों वापस आ गए।

वापसी के बाद मीरा ने अजय की पत्नी से संपर्क किया और उसे सारी सच्चाई बता दी। अजय की पत्नी को पहले तो यकीन नहीं हुआ, लेकिन मीरा ने सबूत दिखाए तो उसे सच्चाई का भान हो गया। उसने अजय को घर से निकाल दिया।

इस तरह मीरा ने अपने सही निर्णय से न केवल अपना बल्कि अजय के परिवार का भी भला किया। उसने सिद्ध कर दिया कि कठिन समय में भी हमें अपने नैतिक सिद्धांतों पर कायम रहना चाहिए।

अजय को घर से निकाले जाने के बाद उसका रोना-धोना शुरू हो गया। वह अपनी पत्नी से माफ़ी मांगने लगा और कहने लगा कि वह मीरा के झांसे में आ गया था। लेकिन उसकी पत्नी ने उसे माफ़ नहीं किया।

इधर मीरा ने अपने परिवार को भी यह पूरी घटना बता दी। उसके पिता ने कहा कि उसे अजय पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दायर करना चाहिए। लेकिन मीरा ने कहा कि अब जब अजय को सज़ा मिल चुकी है तो उसे मुकदमा नहीं करना।

कुछ दिनों बाद अजय ने मीरा से क्षमा मांगी और कहा कि उसने गलती की थी। उसने वादा किया कि वह अपने आप को सुधारेगा और दोबारा ऐसी गलती नहीं करेगा। मीरा ने उसे क्षमा कर दिया।

इस घटना के बाद मीरा और अजय दोनों ने अपने-अपने जीवन में नई शुरुआत की। अजय ने अपनी पत्नी से फिर से प्यार से रिश्ता जोड़ा और एक अच्छा पति और पिता बनने का प्रयास किया।

जबकि मीरा ने भी अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया और कंपनी में तरक्की की। उसने सबको साबित कर दिया कि मजबूत इरादों वाला कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सकता है।

इस तरह, सत्य और न्याय के रास्ते पर चलने से मीरा और अजय दोनों को ही अपने जीवन में सफलता मिली। मीरा की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा सत्य और न्याय का रास्ता चुनना चाहिए, भले ही हमें इसके लिए कितनी ही कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े।